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आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन सी स्कीम बेस्ट है? जानें PPF और NPS के फायदे

आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन सी स्कीम बेस्ट है? जानें PPF और NPS के फायदे


रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए PPF vs NPS: सुरक्षित वित्तीय भविष्य की योजना बनाते समय, भारत में दो सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) हैं। दोनों ही अनूठे लाभ प्रदान करते हैं और अलग-अलग निवेशकों की ज़रूरतों को पूरा करते हैं। यहाँ एक विस्तृत तुलना दी गई है ताकि आप यह तय कर सकें कि आपके लिए कौन सा बेहतर है।

 

Public Provident Fund (PPF)

Overview: पीपीएफ भारत सरकार द्वारा समर्थित एक दीर्घकालिक निवेश विकल्प है, जो आकर्षक ब्याज दरें और रिटर्न प्रदान करता है जो पूरी तरह से कर मुक्त हैं। यह उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो सुरक्षित और जोखिम-मुक्त निवेश मार्ग की तलाश में हैं।

 

मुख्य विशेषताएं:

ब्याज दर (Interest Rate): पीपीएफ की ब्याज दर वर्तमान में 7.1% प्रति वर्ष है। सरकार द्वारा तय की गई दर हर तिमाही में बदल सकती है।

 

अवधि (Tenure): निवेश की अवधि 15 वर्ष है, जिसे 5 वर्षों के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है।

 

निवेश सीमा (Investment Limit): न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष।

 

कर लाभ (Tax Benefits): निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती के लिए पात्र हैं। अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि कर-मुक्त हैं।

 

जोखिम (Risk): पीपीएफ एक सरकारी समर्थित योजना है, इसलिए यह उच्च स्तर की सुरक्षा और गारंटीकृत रिटर्न प्रदान करती है।

 

पीपीएफ में किसे निवेश करना चाहिए:

एक वित्तीय योजनाकार ने कहा, "निवेशक गारंटीड रिटर्न के साथ जोखिम मुक्त निवेश की तलाश में हैं। वे लोग जो धारा 80 सी के तहत कर बचत चाहते हैं। वे लोग जो नियमित निकासी के बिना दीर्घकालिक निवेश क्षितिज पसंद करते हैं।"

 

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National Pension System (NPS)

Overview: एनपीएस भारत सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक पेंशन योजना है। यह एक बाजार से जुड़ा निवेश विकल्प है जो इक्विटी और ऋण बाजारों में निवेश की सुविधा प्रदान करता है, जिससे निवेशकों को अपनी सेवानिवृत्ति के लिए पर्याप्त धन इकट्ठा करने की अनुमति मिलती है।

 

प्रमुख विशेषताऐं:

ब्याज दर (Interest Rate): रिटर्न बाजार से जुड़े होते हैं और अलग-अलग हो सकते हैं। विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों के लिए ऐतिहासिक रिटर्न 8% से 10% के बीच रहा है।

 

अवधि (Tenure): निवेशकों को 60 वर्ष की आयु तक योगदान करना चाहिए, जिसे 70 वर्ष तक बढ़ाने का विकल्प है।

 

निवेश सीमा (Investment Limit): निवेश पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है, लेकिन प्रति वित्तीय वर्ष 2 लाख रुपये तक कर लाभ उपलब्ध हैं।

 

कर लाभ (Tax Benefits): धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के योगदान पर कर कटौती की जा सकती है। धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये का दावा किया जा सकता है।

 

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निकासी (Withdrawal): विशिष्ट शर्तों के तहत आंशिक निकासी की अनुमति है। सेवानिवृत्ति पर, 60% राशि कर-मुक्त निकाली जा सकती है, और शेष 40% का उपयोग वार्षिकी खरीदने के लिए किया जाना चाहिए।

 

जोखिम (Risk): एनपीएस निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, लेकिन वे पारंपरिक निश्चित आय साधनों की तुलना में अधिक रिटर्न की संभावना प्रदान करते हैं।

 

एनपीएस में किसे निवेश करना चाहिए:

वित्तीय योजनाकार ने कहा, "वे व्यक्ति जो इक्विटी और डेट में निवेश के साथ विविध निवेश विकल्प की तलाश में हैं। वे जो पर्याप्त सेवानिवृत्ति कोष बनाने का लक्ष्य रखते हैं। वे निवेशक जो बाजार से जुड़े रिटर्न और संभावित जोखिमों से सहज हैं।"

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